महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने विधानसभा सत्र के पहले दिन अपना भाषण बीच में ही छोड़ा

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने विधानसभा सत्र के पहले दिन अपना भाषण बीच में ही छोड़ दिया, क्योंकि महा विकास अघाड़ी के विधायक सदन में नारे लगा रहे थे। गौरतलब है कि राज्यपाल कोश्‍यारी ने हाल ही में छत्रपति शिवाजी महाराज पर कथित रूप से विवादास्पद बयान दिया था।

बता दें कि बजट सत्र की शुरुआत राज्‍यपाल के अभिभाषण के साथ की जाती है। लेकिन कोशयारी ने भाषण को कुछ मिनटों में रोक दिया। क्‍योंकि जैसे ही राज्‍यपाल कोश्‍यारी अभिभाषण के लिए सदन में आये सत्ता पक्ष के नेताओं ने ‘छत्रपति शिवाजी महाराज की जय’के नारे लगाने शुरू कर दिए। इसके बाद मात्र 22 सेकेंड के बाद ही राज्‍यपाल को अपना भाषण रोकना पड़ा।

छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर कही थी ये बात

छत्रपति शिवाजी महाराज पर दिए गए विवादित बयान को लेकर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को राज्य भर में जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ रहा है। उनके खिलाफ राज्य के कई जगहों पर प्रदर्शन हो रहे हैं। उनके बयान को लेकर अलग-अलग पार्टियों के कई नेताओं ने अपनी आपत्ति भी दर्ज कराई है। राज्यपाल कोश्‍यारी ने बीते रविवार को एक कार्यक्रम में कहा था, ‘अगर गुरु समर्थ रामदास स्वामी न होते तो आज छत्रपति शिवाजी को कौन पूछता?’ इस बयान पर बढ़ते विरोध को देखते हुए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने जलगांव में पत्रकारों से बात करते हुए अपनी सफाई दी।

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा, “छत्रपति शिवाजी महाराज न केवल महाराष्ट्र के लिए, बल्कि देश के लिए भी प्रेरणा हैं। जितना मैं जानता था, शुरुआती समय में मैंने जो पढ़ा था, उसके आधार पर मैं जानता था कि समर्थ रामदास स्वामी उनके गुरु थे। अब लोगों ने मुझे इतिहास के कुछ अलग तथ्य बताए हैं। मैं उन तथ्यों का अध्ययन करूंगा।”

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