लैंसडौन सीट से पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत की पुत्रवधू को टिकट देने का विरोध तेज, जानिए किसने राहुल गांधी को लिखा लेटर

उत्तराखंड कांग्रेस उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर लैंसडौन सीट से पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत की पुत्रवधू को टिकट देने का विरोध करने के साथ ही स्वयं के लिए टिकट की मांग की है। पत्र में उन्होंने कहा कि हरक सिंह का पुत्रवधू के लिए लैंसडौन से टिकट मांगना चर्चा का विषय बना हुआ है। हरक सिंह रावत की पुत्रवधू का समाज सेवा और राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। अपने राजनीतिक इतिहास के बल पर वह लैंसडौन क्षेत्र के कांग्रेस के तमाम मजबूत दावेदारों को किनारे लगाकर अपना टिकट किसी भी हालत में साधने की कोशिश में लगे हैं।

उन्होंने कहा कि वह राज्य बनने के बाद से लैंसडौन विधानसभा क्षेत्र से दावेदारी कर रहे हैं। राज्य निर्माण आंदोलन में उनकी माता स्वर्गीय सुमनलता भदोला व पिता सुरेश चंद शर्मा जेल गए। वह 71 आंदोलनकारियों के साथ दिल्ली की तिहाड़ जेल में लंबे समय तक बंद रहे।

23 नवंबर, 1987 को उत्तराखंड के नारे लगाते हुए वह संसद में गिरफ्तार हुए थे। वह 500 से ज्यादा बार गिरफ्तार हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि हर बार टिकट बेच दिया जाता है या अपात्र को देकर उपकृत किया जाता है। मार्मिक अंदाज में उन्होंने कहा कि उनके पूरे परिवार की आंखों में आंसू हैं और कोस रहे हैं कि उन्हें राजनीति छोड़ देनी चाहिए। उन्होंने बताया जाए कि क्या किया जाना चाहिए।

हरक सिंह की कांग्रेस में वापसी अभी है अटकी

हरक सिंह रावत बुधवार को भी राह तकते रह गए और कांग्रेस से बुलावा नहीं आया। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पार्टी में हरक सिंह की वापसी के विरोध के अपने रुख पर कायम है। हरक के एक लाख बार माफी मांगने के बयान के बाद भी उनकी नाराजगी दूर नहीं हो पाई है। पार्टी हाईकमान ने अब इस मामले में सुलह-समझौते का जिम्मा प्रदेश के नेताओं के ही जिम्मे कर दिया है। ऐसे में कांग्रेस में शामिल होने के लिए हरक को और एक-दो दिन इंतजार करना पड़ सकता है। उनकी पैरोकारी में उतरे कांग्रेसी क्षत्रप वापसी के लिए सहमति बनाने के प्रयासों में जुटे हैं। उधर, प्रदेश में कांग्रेस नेताओं को भी हरक सिंह की वापसी सुहा नहीं रही है। उन्होंने विरोध तेज कर दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *