DEHRADUN: वर्ष 2024 में चारधाम यात्रा अंतिम चरण में है। चार में से तीन धामों के कपाट बंद होने की घोषणा हो चुकी है। गंगोत्री धाम के कपाट गोवर्धन पूजा के अवसर पर 2 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे जबकि श्री केदारनाथ धाम और यमुनोत्री धाम के कपाट 3 नवंबर को भैयादूज के दिन बंद किए जाएंगे। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तारीख व समय 12 अक्टूबर को विजयदशमी (दहशरे) के दिन घोषित की जाएगी।
गंगोत्री धाम धाम के कपाट शीतकाल के लिए दो नवंबर को 12:14 पर अभिजीत मुहूर्त में बंद कर दिए जाएंगे। गंगा की विग्रह डोली गंगोत्री से प्रस्थान कर रात्रि विश्राम मारकंडे मंदिर में करेगी। तीन नवंबर को गंगा की डोली मुखवा में शीतकालीन प्रवास में विराजमान हो जाएगी। उसके बाद छह माह तक गंगा जी के दर्शन मुखबा गांव में होंगे।
शीतकाल के लिए केदारनाथ धाम के कपाट बंद करने का कार्यक्रम तय हो गया है। धाम के कपाट भैयादूज पर्व पर तीन नवंबर को सुबह 8:30 बजे बंद किए जाएंगे। परंपरा के अनुसार यमुनोत्री धाम के कपाट भी भैयादूज पर्व पर बंद किए जाएंगे। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने बताया कि भगवान केदारनाथ की चल-विग्रह उत्सव डोली का कार्यक्रम भी तय कर दिया गया है। चल-विग्रह उत्सव डोली तीन नवंबर को कपाट बंद होने के बाद रात्रि विश्राम के लिए रामपुर पहुंचेगी। चार नवंबर को डोली विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में रात्रि विश्राम करेगी और पांच नवंबर को सुबह 8:30 बजे यहां से प्रस्थान कर 11:20 बजे ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचकर अपनी शीतकालीन गद्दी पर विराजमान हो जाएगी।
बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि शनिवार 12 अक्टूबर को विजय दशमी दशहरे के दिन बदरीनाथ धाम मंदिर परिसर में पंचाग गणना पश्चात समारोहपूर्वक तय की जायेगी। कपाट बंद होने की तिथि तय करने को लेकर दोपहर साढ़े ग्यारह बजे से कार्यक्रम शुरू हो जायेगा।
गौरतलब है कि केदारनाथ, यमुनोत्री व गंगोत्री धाम के कपाट इस वर्ष 10 मई को खोले गए थे। इस वर्ष यात्रा के सारे रिकॉर्ड टूटने के आसार थे, लेकिन मानसून के दौरान यात्रा में बड़ी रुकावटें आई। 31 जुलाई को आई आपदा के बाद केदारनाथ पैदल यात्रा तो करीब 1 महीने तक बंद रही थी। अब तक करीब 40 लाख यात्री चारधामों के दर्शन कर चुके हैं।